याद पर चित्र/छाया शायरी
‘याद’ को उर्दू शाइरी
में एक विषय के तौर पर ख़ास अहमिय हासिल है । इस की वजह ये है कि नॉस्टेलजिया और उस से पैदा होने वाली कैफ़ीयत, शाइरों को ज़्यादा रचनात्मकता प्रदान करती है । सिर्फ़ इश्क़-ओ-आशिक़ी में ही ‘याद’ के कई रंग मिल जाते हैं । गुज़रे हुए लम्हों की कसक हो या तल्ख़ी या कोई ख़ुश-गवार लम्हा सब उर्दू शाइरी में जीवन के रंगों को पेश करते हैं । इस तरह की कैफ़ियतों से सरशार उर्दू शाइरी का एक संकलन यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।
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तन्हाईऔर 1 अन्य
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इश्क़और 5 अन्य
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दोस्तऔर 1 अन्य
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ख़्वाबऔर 1 अन्य
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फ़ेमस शायरीऔर 1 अन्य
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धूपऔर 1 अन्य
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इल्मऔर 1 अन्य
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दोस्तऔर 1 अन्य
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कशमकशऔर 1 अन्य
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फ़ेमस शायरीऔर 2 अन्य
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याद-ए-रफ़्तगाँऔर 1 अन्य
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इश्क़और 1 अन्य
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दोस्तऔर 1 अन्य
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इश्क़और 5 अन्य
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आहटऔर 1 अन्य
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उदासीऔर 3 अन्य
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इश्क़और 4 अन्य
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उदासीऔर 3 अन्य
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ख़्वाबऔर 1 अन्य
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इश्क़और 3 अन्य
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इश्क़और 2 अन्य
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उदासीऔर 4 अन्य
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इश्क़और 5 अन्य
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इल्मऔर 1 अन्य
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तन्हाईऔर 1 अन्य
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दोस्तऔर 1 अन्य
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दीदारऔर 2 अन्य
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इश्क़और 3 अन्य