नींद पर चित्र/छाया शायरी
नींद और ख़्वाब शायरी
में बहुत मर्कज़ी मौज़ू के तौर पर नज़र आते हैं। हिज्र में नींद का उनका हो जाना, नींद आए भी तो महबूब के ख़्वाब का ग़ायब हो जाना और इस तरह की भी बहुत सी दिल-चस्प सूरतों उस शायरी में मौजूद हैं।
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इश्क़और 6 अन्य
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ग़मऔर 1 अन्य
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ख़्वाबऔर 2 अन्य
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इश्क़और 6 अन्य
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इश्क़और 6 अन्य
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मौतऔर 1 अन्य
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जुदाईऔर 2 अन्य
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इश्क़और 6 अन्य
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इश्क़और 6 अन्य
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रातऔर 1 अन्य
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ख़्वाबऔर 1 अन्य
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जुदाईऔर 2 अन्य
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रातऔर 1 अन्य
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रातऔर 1 अन्य
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रातऔर 1 अन्य