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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

शुक्रिया पर शेर

शुक्रिया क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रिया

अब अकेले ही चले जाएँगे इस मंज़िल से हम

क़मर जलालवी

उस मेहरबाँ नज़र की इनायत का शुक्रिया

तोहफ़ा दिया है ईद पे हम को जुदाई का

अज्ञात

शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी

वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती

अज्ञात

ख़तों को खोलती दीमक का शुक्रिया वर्ना

तड़प रही थी लिफ़ाफ़ों में बे-ज़बानी पड़ी

अज़हर फ़राग़

शुक्रिया रेशमी दिलासे का

तीर तो आप ने भी मारा था

मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

शुक्रिया वाइज़ जो मुझ को तर्क-ए-मय की दी सलाह

ग़ौर मैं इस पर करूँगा होश में आने के बाद

जलील मानिकपूरी

कहाँ के माहिर-ओ-कामिल हो तुम हुनर में 'अदील'

तुम्हारे काम तो पर्वरदिगार करता है

अदील ज़ैदी

शुक्रिया तुम ने बुझाया मिरी हस्ती का चराग़

तुम सज़ा-वार नहीं तुम ने तो अच्छाई की

अफ़ीफ़ सिराज

बे-ख़ुदी सलाम तुझे तेरा शुक्रिया

दुनिया भी मस्त मस्त है उक़्बा भी मस्त मस्त

जावेद सबा

शुक्रिया गर्दिश-ए-जाम-ए-शराब

मैं भरी महफ़िल में तन्हा हो गया

सलाम मछली शहरी

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