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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

रक्षाबन्धन पर शेर

किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा

अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा

मुनव्वर राना

बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है

वफ़ा-ए-दोस्ताँ बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है

सय्यद ज़मीर जाफ़री

बहन का प्यार जुदाई से कम नहीं होता

अगर वो दूर भी जाए तो ग़म नहीं होता

अज्ञात

या रब मिरी दुआओं में इतना असर रहे

फूलों भरा सदा मिरी बहना का घर रहे

अज्ञात

ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए

भाई के हाथ पे इक बहन ने राखी बाँधी

अज्ञात

गुलशन से कोई फूल मयस्सर जब हुआ

तितली ने राखी बाँध दी काँटे की नोक पर

अज्ञात

बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत

राखी का है त्यौहार मोहब्बत की अलामत

मुस्तफ़ा अकबर

बंधन सा इक बँधा था रग-ओ-पय से जिस्म में

मरने के ब'अद हाथ से मोती बिखर गए

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी

आस्था का रंग जाए अगर माहौल में

एक राखी ज़िंदगी का रुख़ बदल सकती है आज

इमाम आज़म

राखियाँ ले के सिलोनों की बरहमन निकलें

तार बारिश का तो टूटे कोई साअत कोई पल

मोहसिन काकोरवी

अज़ल से बरसे है पाकीज़गी फ़लक से यहाँ

नुमायाँ होवे है फिर शक्ल-ए-बहन में वो यहाँ

दीपक पुरोहित

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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