Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Deepak Purohit's Photo'

दीपक पुरोहित

1954 | जयपुर, भारत

दीपक पुरोहित

ग़ज़ल 4

 

अशआर 21

अच्छा हुआ ज़बान-ए-ख़मोशी तुम पढ़े

शिकवे मिरे वगर्ना रुलाते तुम्हें बहुत

  • शेयर कीजिए

कि है मुख़्तसर दास्ताँ इश्क़ की

गले मिल के कोई गले पड़ गया

  • शेयर कीजिए

वतन-परस्ती हमारा मज़हब हैं जिस्म-ओ-जाँ मुल्क की अमानत

करेंगे बरपा क़हर अदू पर रहेगा दाइम वतन सलामत

  • शेयर कीजिए

ये कैसी बद-दुआ' दी है किसी ने

समुंदर हूँ मगर खारा हुआ हूँ

  • शेयर कीजिए

था कभी उन की निगाहों में बुलंद अपना मक़ाम

इतनी ऊँचाई से गिर कर भी कोई बचता है

  • शेयर कीजिए

"जयपुर" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए