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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

सवाल पर चित्र/छाया शायरी

सोचना और सवाल करना इन्सानी

ज़ेहन की पहली पहचान है। कभी दुनिया से, कभी ख़ुद से और कभी-कभी तो ख़ुद से भी सवाल करते रहने की आदत सी हो जाती है और अगर यह आद त शायरी में भी ढलने लगे तो निहायत दिलकश सवालनामे तैयार होने लगते हैं। सवाल जितने पेचीदा हों शायरी उतनी ही गहरी होती है या नहीं इसका अन्दाज़ा बहुत हद तक सवाल शायरी पढ़कर लगाया जा सकता है।

ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते

तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था

गाहे गाहे बस अब यही हो क्या

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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