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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

मानसिक स्वास्थ्य पर शेर

हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए

कभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए

निदा फ़ाज़ली

जी बहुत चाहता है सच बोलें

क्या करें हौसला नहीं होता

बशीर बद्र

अब उस मक़ाम पे है मौसमों का सर्द मिज़ाज

कि दिल सुलगने लगे और दिमाग़ जलने लगे

फ़रहान सालिम

शहर की भीड़ में शामिल है अकेला-पन भी

आज हर ज़ेहन है तन्हाई का मारा देखो

हसन नज्मी सिकन्दरपुरी

मिरे दाग़-ए-जिगर को फूल कह कर

मुझे काँटों में खींचा जा रहा है

जलील मानिकपूरी

गए दिल में वसवसे कितने

वक़्त जब ए'तिबार का आया

ए जी जोश

दिमाग़-ओ-दिल की थकान वाला

कड़ा सफ़र है गुमान वाला

अमरदीप सिंह

नया नया है सो कह लो इसे अकेला-पन

फिर इस मरज़ के कई और नाम आएँगे

विजय शर्मा

बे-दिमाग़-ए-ख़जलत हूँ रश्क-ए-इम्तिहाँ ता-कै

एक बेकसी तुझ को आलम-आश्ना पाया

मिर्ज़ा ग़ालिब

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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