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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

आग पर शेर

उस से कहना कि धुआँ देखने लाएक़ होगा

आग पहने हुए जाउँगा मैं पानी की तरफ़

अभिषेक शुक्ला

उबलते वक़्त पानी सोचता होगा ज़रूर

अगर बर्तन होता तो बताता आग को

अश्वनी मित्तल 'ऐश'

अक़्ल हर बार दिखाती थी जले हाथ अपने

दिल ने हर बार कहा आग पराई ले ले

अहमद फ़राज़

औरों की आग क्या तुझे कुंदन बनाएगी

अपनी भी आग में कभी चुप-चाप जल के देख

आबिदा करामत

अपने जलने का हमेशा से तमाशाई हूँ

आग ये किस ने लगाई मुझे मालूम नहीं

मोहम्मद आज़म

मेरे होने से होना है मिरा

आग जलने से धुआँ आबाद है

जमाल एहसानी

सर्द रातों का तक़ाज़ा था बदन जल जाए

फिर वो इक आग जो सीने से लगाई मैं ने

क़मर अब्बास क़मर

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