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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

पर्यावरण पर शेर

इस बार इंतिज़ाम तो सर्दी का हो गया

क्या हाल पेड़ कटते ही बस्ती का हो गया

नोमान शौक़

आग जंगल में लगी है दूर दरियाओं के पार

और कोई शहर में फिरता है घबराया हुआ

ज़फ़र इक़बाल

जंगल जंगल आग लगी है दरिया दरिया पानी है

नगरी नगरी थाह नहीं है लोग बहुत घबराए हैं

जमील अज़ीमाबादी

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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