Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Khatir Ghaznavi's Photo'

ख़ातिर ग़ज़नवी

1925 - 2008 | पेशावर, पाकिस्तान

अपनी ग़ज़ल 'गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए' के लिए विख्यात, जिसे कई गायकों ने गाया है।

अपनी ग़ज़ल 'गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए' के लिए विख्यात, जिसे कई गायकों ने गाया है।

ख़ातिर ग़ज़नवी

ग़ज़ल 21

नज़्म 7

अशआर 16

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए

इक तजस्सुस दिल में है ये क्या हुआ कैसे हुआ

जो कभी अपना था वो ग़ैर का कैसे हुआ

मैं इसे शोहरत कहूँ या अपनी रुस्वाई कहूँ

मुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़्साने गए

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

बंदे भी हो गए हैं ख़ुदा तेरे शहर में

वहशतें कुछ इस तरह अपना मुक़द्दर बन गईं

हम जहाँ पहुँचे हमारे साथ वीराने गए

पहेली 3

 

पुस्तकें 11

चित्र शायरी 4

 

वीडियो 8

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

फ़रीदा ख़ानम

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

ग़ुलाम अली

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

फ़रीदा ख़ानम

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

मेहदी हसन

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

तारी ख़ान

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

राज कुमार रिज़वी

ऑडियो 10

आरज़ूएँ ना-रसाई रू-ब-रू मैं और तू

इक तजस्सुस दिल में है ये क्या हुआ कैसे हुआ

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

Recitation

"पेशावर" के और शायर

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए