Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Azhar Iqbal's Photo'

अज़हर इक़बाल

1978 | मेरठ, भारत

हिन्दुस्तान की नई पीढ़ी के मशहूर शायर

हिन्दुस्तान की नई पीढ़ी के मशहूर शायर

अज़हर इक़बाल

ग़ज़ल 10

अशआर 11

घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए

मैं ख़ुद से रूठ गया हूँ उसे मनाते हुए

नींद आएगी भला कैसे उसे शाम के बा'द

रोटियाँ भी मयस्सर हों जिसे काम के बा'द

  • शेयर कीजिए

तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती

मैं राख होने लगा हूँ दिए जलाते हुए

ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर

कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से

एक मुद्दत से हैं सफ़र में हम

घर में रह कर भी जैसे बेघर से

क़ितआ 1

 

चित्र शायरी 3

 

वीडियो 8

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अज़हर इक़बाल

अज़हर इक़बाल

Ghutan si hone lagi hai uske paas jate huye

Azhar Iqbal is a young popular name of Urdu Poetry. अज़हर इक़बाल

Wo mahtab abhi baam par nahi aya

Azhar Iqbal is a young popular name of Urdu Poetry. अज़हर इक़बाल

Ye baar e ghum bhi uthaya nahi bahut din se

Azhar Iqbal is a young popular name of Urdu Poetry. अज़हर इक़बाल

गुलाब चाँदनी-रातों पे वार आए हम

अज़हर इक़बाल

ज़मीन-ए-दिल इक अर्से बा'द जल-थल हो रही है

अज़हर इक़बाल

तिरी सम्त जाने का रास्ता नहीं हो रहा

अज़हर इक़बाल

"मेरठ" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए