अज़ीज़ाँ सितमगर न आया मिरे घर
रोचक तथ्य
This is the first ghazal written of its kind where both lines of each sher has a same set of words.
अज़ीज़ाँ सितमगर न आया मिरे घर
न आया मिरे घर अज़ीज़ाँ सितमगर
मोहब्बत तू मत कर दिल उस बेवफ़ा से
दिल उस बेवफ़ा से मोहब्बत तू मत कर
लगा दिल में ख़ंजर तुम्हारी निगह का
तुम्हारी निगह का लगा दिल में ख़ंजर
हुआ क्यूँ मुकद्दर तू ऐ आइना-रू
तू ऐ आइना-रू हुआ क्यूँ मुकद्दर
वो ईज़ा मुकर्रर तुझे देगा 'ताबाँ'
तुझे देगा 'ताबाँ' वो ईज़ा मुकर्रर
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