वजूद पर चित्र/छाया शायरी
वजूद के उनवान के तहत
मुंतख़ब किए गए अशआर इन्सानी वजूद की अहमियत और पूरी काइनात के सियाक़ में इस की मानविय्यत को वाज़ेह करते हैं, साथ ही ये भी बताते हैं कि इस की इस अहमियत और मानविय्यत के हवाले से इस के तक़ाज़े क्या हैं और निज़ाम-ए-काइनात में इस की कारकर्दगी की क्या-क्या सूरतों हैं। इस शायरी का एक पहलू इन्सानी वजूद की दाख़िली दुनिया की सैर भी है । हमारा ये इंतिख़ाब आपको पसंद आएगा क्योंकि ये एक उमूमी सतह पर हम सब के वजूदी मसाइल का बयानिया है।