पान पर कुल्लियात
पान हिन्दुस्तानी तहज़ीब
का एक अहम हिस्सा है। हिन्दुस्तान के एक ब़ड़े हिस्से में पान खाना और खिलाना समाजी राब्ते और तअल्लुक़ात को बढ़ाने और मेहमान-नवाज़ी की रस्म को क़ायम रखने का अहम ज़रिया है। पान की लाली अगर महबूब के होंठों पर हो तो शायर इसे सौ तरह से देखता और बयान करता है। आप भी मुलाहिज़ फ़रमाइये पान शायरी का यह रंगः