मेंहदी पर चित्र/छाया शायरी
उर्दू शायरी का माशूक़
अपनी सादगी में भी उतना ही हसीन लगता है जितना सोलह सिंगार करने के बाद। मेंहदी वो सिंगार है जिसे शायरों ने कभी आशिक़ का ख़ून कह कर तो कभी न आने के बहाने के तौर पर शायरी मे पिरोया है। हिना की दिलकशी ने सिर्फ़ महबूब को ही नहीं उर्दू शायरी को भी हुस्न की दौलत से मालामाल किया है। हिना की सुर्ख़ी के पर्दे में शायर को क्या-क्या नज़र आता है यह जानने के लिए हिना शायरी का यह इन्तिख़ाब आप की नज़्रः