ऐक्ट्रेस बनने से पिश्तर औरत को इश्क़-ओ-मुहब्बत की तल्ख़ियों और मिठासों के अलावा और बहुत सी चीज़ों से आश्ना होना चाहिए। इसलिए कि जब वो कैमरे के सामने आए तो अपने कैरेक्टर को अच्छी तरह अदा कर सके।
ऐक्ट्रेस चकले की वेश्या हो या किसी बा-इज़्ज़त और शरीफ़ घराने की औरत, मेरी नज़रों में वो सिर्फ़ ऐक्ट्रेस है। उसकी शराफ़त या रज़ालत से मुझे कोई सरोकार नहीं। इसलिए कि फ़न इन ज़ाती उमूर से बहुत बालातर है।