aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1956 | दिल्ली, भारत
महत्वपूर्ण उत्तर-आधुनिक शायरों में विख्यात।
मुझे भी लम्हा-ए-हिजरत ने कर दिया तक़्सीम
निगाह घर की तरफ़ है क़दम सफ़र की तरफ़
मैं ने भी देखने की हद कर दी
वो भी तस्वीर से निकल आया
कोई साया न कोई हम-साया
आब-ओ-दाना ये किस जगह लाया
दूसरों के ज़ख़्म बुन कर ओढ़ना आसाँ नहीं
सब क़बाएँ हेच हैं मेरी रिदा के सामने
रेख़्ता का इक नया मज्ज़ूब है 'शहपर' रसूल
शोहरत उस के नाम पर इक नंग है बोहतान है
Aab-e-Nisan
Aadha Gaon
आग मसरूफ़ है
2004
आईना-ए-अक़ीदत
2008
आँख बीती
2009
Aap Hain
Uttar Pradesh Ke Maujooda Shora Ka Tazkira, Part-004
1988
आसमाँ पहचानता है
2010
आसमाँ हैरान है
1994
अदब के नोबेल इनाम याफ़्तगान
1978
अदब के सरोकार
1996
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books