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Shaanul Haq Haqqi's Photo'

शानुल हक़ हक़्क़ी

1917 - 2005 | कराची, पाकिस्तान

प्रख्यात विद्वान्, बहुभाषी, अनुवादक एवं शायर जिन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी का उर्दू अनुवाद पेश किया

प्रख्यात विद्वान्, बहुभाषी, अनुवादक एवं शायर जिन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी का उर्दू अनुवाद पेश किया

शानुल हक़ हक़्क़ी

ग़ज़ल 30

नज़्म 4

 

अशआर 3

तुम से उल्फ़त के तक़ाज़े निबाहे जाते

वर्ना हम को भी तमन्ना थी कि चाहे जाते

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बड़ी तलाश से मिलती है ज़िंदगी दोस्त

क़ज़ा की तरह पता पूछती नहीं आती

लोग तुम से भी सितम-पेशा कहाँ होते हैं

जो कहीं का रखें और फिर अपना कहें

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लेख 1

 

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

शानुल हक़ हक़्क़ी

शानुल हक़ हक़्क़ी

शानुल हक़ हक़्क़ी

Shanul Haq Haqqi at a mushaira in Texas in 1983

शानुल हक़ हक़्क़ी

तुम से उल्फ़त के तक़ाज़े न निबाहे जाते

शानुल हक़ हक़्क़ी

पाई न कोई मंज़िल पहुँचीं न कहीं राहें

शानुल हक़ हक़्क़ी

पाई न कोई मंज़िल पहुँचीं न कहीं राहें

शानुल हक़ हक़्क़ी

मोहब्बत ख़ार-ए-दामन बन के रुस्वा हो गई आख़िर

शानुल हक़ हक़्क़ी

वो मज़ा रखते हैं कुछ ताज़ा फ़साने अपने

शानुल हक़ हक़्क़ी

दुनिया ही की राह पे आख़िर रफ़्ता रफ़्ता आना होगा

शानुल हक़ हक़्क़ी

नग़्मा यूँ साज़ में तड़पा मिरी जाँ हो जैसे

शानुल हक़ हक़्क़ी

ऑडियो 8

इक तमन्ना कि सहर से कहीं खो जाती है

इक महक सी दम-ए-तहरीर कहाँ से आई

उम्मीद के उफ़ुक़ से न उट्ठा ग़ुबार तक

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