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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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नील अहमद

ग़ज़ल 5

 

नज़्म 22

अशआर 22

दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है

बस ये सबब है मेरे दिल की उदासियों का

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जब जब तुम को याद करें हम

तब तब बारिश हो जाती है

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ज़िंदगी से मिले हुए हो तुम

वो भी मुझ से मज़ाक़ करती है

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हवा का रंग नहीं है मगर मिज़ाज तो है

हवा से दोस्ती करना कोई मज़ाक़ नहीं

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किसी को याद करने के नहीं मख़्सूस कुछ लम्हे

कोई जब याद जाए तो फिर वो याद आता है

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