Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Moin Shadab's Photo'

मुईन शादाब

1971 | दिल्ली, भारत

मुशायरों में ख़ास तौर पर अपनी निज़ामत के लिए जाने जाते हैं

मुशायरों में ख़ास तौर पर अपनी निज़ामत के लिए जाने जाते हैं

मुईन शादाब

ग़ज़ल 19

अशआर 27

उस से मिलने की ख़ुशी ब'अद में दुख देती है

जश्न के ब'अद का सन्नाटा बहुत खलता है

  • शेयर कीजिए

वो वक़्त और थे कि बुज़ुर्गों की क़द्र थी

अब एक बूढ़ा बाप भरे घर पे बार है

  • शेयर कीजिए

सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते

मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता

ज़रा सी देर को तुम अपनी आँखें दे दो मुझे

ये देखना है कि मैं तुम को कैसा लगता हूँ

  • शेयर कीजिए

किसी के साथ गुज़ारा हुआ वो इक लम्हा

अगर मैं सोचने बैठूँ तो ज़िंदगी कम है

  • शेयर कीजिए

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए