इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी
ग़ज़ल 5
अशआर 6
जो चुप रहा तो वो समझेगा बद-गुमान मुझे
बुरा भला ही सही कुछ तो बोल आऊँ मैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वो ख़्वाब था बिखर गया ख़याल था मिला नहीं
मगर ये दिल को क्या हुआ क्यूँ बुझ गया पता नहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
फिर उस के ब'अद तअल्लुक़ में फ़ासले होंगे
मुझे सँभाल के रखना बिछड़ न जाऊँ मैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे
सब धुआँ हो जाएँगे इक वाक़िआ रह जाएगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए