Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

इदरीस आज़ाद

इदरीस आज़ाद

ग़ज़ल 22

अशआर 21

ईद का चाँद तुम ने देख लिया

चाँद की ईद हो गई होगी

  • शेयर कीजिए

मैं तो इतना भी समझने से रहा हों क़ासिर

राह तकने के सिवा आँख का मक़्सद क्या है

  • शेयर कीजिए

इतने ज़ालिम बनो कुछ तो मुरव्वत सीखो

तुम पे मरते हैं तो क्या मार ही डालोगे हमें

मैं अपने आप से रहता हूँ दूर ईद के दिन

इक अजनबी सा तकल्लुफ़ नए लिबास में है

  • शेयर कीजिए

दिल का दरवाज़ा खुला था कोई टिकता कैसे

जो भी आता था वो जाने के लिए आता था

  • शेयर कीजिए

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए