आरिफ़ इमाम
ग़ज़ल 13
अशआर 13
बना रहा हूँ अभी घर को आइना-ख़ाना
फिर अपने हाथ में पत्थर भी देखना है मुझे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
तुम्हारे हिज्र में मरना था कौन सा मुश्किल
तुम्हारे हिज्र में ज़िंदा हैं ये कमाल किया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
हवस न जान तुझे छू के देखना ये है
तुझे ही देख रहे हैं कि ख़्वाब देखते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
इक बरस हो गया उसे देखे
इक सदी आ गई है साल के बीच
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वीडियो 4
This video is playing from YouTube