अंजुम लुधियानवी
ग़ज़ल 13
अशआर 16
सुब्ह का ख़्वाब उम्र भर देखा
और फिर नींद आ गई 'अंजुम'
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दोस्ती बंदगी वफ़ा-ओ-ख़ुलूस
हम ये शम्अ' जलाना भूल गए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
नींद क्यूँ टूट गई आख़िर-ए-शब
कौन मेरे लिए तड़पा होगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ख़ुद-कुशी करने में भी नाकाम रह जाते हैं हम
कौन अमृत घोल देता है हमारे ज़हर में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए