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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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अमीन सलौनवी

1901 - 1983 | फ़ैज़ाबाद, भारत

पूर्व आधुनिक शायर, लखनऊ के साहित्यिक परिवेश में उम्र गुज़ारी

पूर्व आधुनिक शायर, लखनऊ के साहित्यिक परिवेश में उम्र गुज़ारी

अमीन सलौनवी

ग़ज़ल 1

 

अशआर 1

ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा

आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है

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पुस्तकें 12

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