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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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ऐन ताबिश

1958 | गया, भारत

प्रसिद्ध समकालीन शायर, अपनी नज़्मों के लिए मशहूर

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ऐन ताबिश की ग़ज़लें

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