aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1956 | दिल्ली, भारत
हास्य-व्यंग्य के मशहूर शायर
सुना ये है बना करते हैं जोड़े आसमानों पर
तो ये समझें कि हर बीवी बला-ए-आसमानी है
अल्फ़ाज़ की अदाएगी तर्ज़-ए-बयान सीख
करना अगर है इश्क़ तो उर्दू ज़बान सीख
दो सगी बहनों की दो गंजों से शादी हो गई
और ये बे-ज़ुल्फ़ भी हम-ज़ुल्फ़ कहलाने लगे
दिल को किसी की याद से ख़ाली न कीजिए
आसेब रहने लगते हैं ख़ाली मकान में
मोहब्बतों में तो कुछ भी पता नहीं लगता
बहुत बुरा है वो फिर भी बुरा नहीं लगता
हंस कर गुज़ार दे
1997
Hanse to Phanse
Majmua-e-Tanz-o-Zarafat
2014
Pen Drive
Sifar
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books