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अभी तवक़्क़ो बनाए रखना अभी उमीदें जगाए रहना

अतहर शकील

अभी तवक़्क़ो बनाए रखना अभी उमीदें जगाए रहना

अतहर शकील

MORE BYअतहर शकील

    अभी तवक़्क़ो बनाए रखना अभी उमीदें जगाए रहना

    बहुत घना है अँधेरा शब का दिलों की शमएँ जलाए रहना

    ख़ुदा ही जाने कि आने वाली रुतों में क्या हो जहाँ की हालत

    अभी ये नग़्मे बंद करना अभी ये महफ़िल सजाए रहना

    ये देखना है कि दम है कितना ग़नीम लश्कर के बाज़ुओं में

    सफ़ों को अपनी सजाए रखना सुरों को अपने उठाए रहना

    यहाँ कहाँ बस्तियों की रौनक़ यहाँ तो सन्नाटा चीख़ता है

    उजाड़ सहरा का ये सफ़र है दिलों की दुनिया बसाए रहना

    अभी है ख़तरा नफ़स नफ़स पर अभी हैं क़ातिल गली गली में

    'शकील' आँखें बंद करना 'शकील' ख़ुद को जगाए रहना

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