ये है मेरा हिन्दोस्तान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
हँसता गाता जीवन इस का धूम मचाते मौसम
गंगा जमुना की लहरों में सात सुरों के सरगम
ताज एलोरा जैसे सुंदर तस्वीरों के एल्बम
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
दिन अलबेले रातें इस की मस्ती की सौदागर
धरती जैसे फूट बही हो दूध की कच्ची गागर
ऊँचे ऊँचे पर्बत इस के नीले नीले सागर
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
बादल झूमे बरखा बरसे पवन झकोले खाए
धरती के फैले आँगन में यूँ खेती लहराए
जैसे बच्चा माँ की गोद में रह रह के मुस्काए
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
राधा सीता चंद्र गाय गाय इंदूबाल
नैनों में काजल के डोरे सुर्ख़ गुलाबी गाल
ज़ुल्फ़ों की वो छाया जैसे शिमला नैनीताल
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
ढोलक जागी मेहंदी लागी रंग रंगीला सावन
सखियाँ मिल मिल होली खेलें साँवरया के आँगन
घुँघट में गोरी शरमाए पिया मिलन के कारन
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
राजा-रानी गुड्डा-गुड्डी और परियों की कहानी
बच्चों के झुरमुट में सुनाए बैठ के बूढ़ी नानी
लोरी गाय माथा चूमे ममता की दीवानी
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
अलबेला पंजाब है इस का रूमानों की बस्ती
सुब्ह-ए-बनारस शाम-ए-अवध और शालीमार की मस्ती
बम्बई जैसे शहर हैं इस में दिल्ली जैसी बस्ती
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
ग़ालिब और टैगोर यहीं के मीरा काली-दास
यहीं हुआ था सच्चाई का गौतम को एहसास
यहीं लिया था साथ राम के सीता ने बन-बास
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
मंदिर मस्जिद हैं तो कहीं हैं गिरजा और शिवाले
मुल्ला पंडित गीता और क़ुरआन के हैं मतवाले
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई देश के सब रखवाले
ये है मेरा हिन्दोस्तान
मेरे सपनों का जहान
इस से प्यार है मुझ को
- पुस्तक : Sang-e-sada (पृष्ठ 214)
- रचनाकार : Zubair Rizvi
- प्रकाशन : Zehn-e-jadid (2014)
- संस्करण : 2014
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