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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

स्वागत पर क़तआ'त

दुनिया हो या ज़िन्दगी

दोनों आने वालों से आबाद है। हम उनका इस्तक़बाल, उनका स्वागत करने के लिए लफ़्ज़ ढूंढते रहते हैं लेकिन शायरों ने ऐसे लम्हों और ऐसे लोगों का इस्तक़बाल पूरी गर्मजोशी और ख़ूबसूरती से किया है। इस्तक़बाल शायरी में ऐसी कई मिसालें मौजूद हैं जो आपको मेहमान लम्हों को लफ़्ज़ों में क़ैद करने का सलीक़ा सीखने में मददगार साबित हो सकती हैं।

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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