विसाल पर गीत
महबूब से विसाल की आरज़ू
तो आप सबने पाल रक्खी होगी लेकिन वो आरज़ू ही क्या जो पूरी हो जाए। शायरी में भी आप देखेंगे कि बेचारा आशिक़ उम्र-भर विसाल की एक नाकाम ख़्वाहिश में ही जीता रहता है। यहाँ हमने कुछ ऐसे अशआर जमा किए हैं जो हिज्र-ओ-विसाल की इस दिल-चस्प कहानी को सिलसिला-वार बयान करते हैं। इस कहानी में कुछ ऐसे मोड़ भी हैं जो आपको हैरान कर देंगे।