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रद करें डाउनलोड शेर

शहरी जीवन पर कहानियाँ

नंगी आवाज़ें

"इस कहानी में शहरी ज़िंदगी के मसाइल को उजागर किया गया है। भोलू एक मज़दूर पेशा आदमी है। जिस बिल्डिंग में वो रहता है उसमें सारे लोग रात में गर्मी से बचने के लिए छत पर टाट के पर्दे लगा कर सोते हैं। उन पर्दों के पीछे से आने वाली मुख्तलिफ़ आवाज़ें उसके अंदर जिन्सी हैजान पैदा करती हैं और वो शादी कर लेता है। लेकिन शादी की पहली ही रात उसे महसूस होता है कि पूरी बिल्डिंग के लोग उसे देख रहे हैं। इसी उधेड़ बुन में वो बीवी की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाता और जब बीवी की ये बात उस तक पहुँचती है कि उसके अंदर कुछ कमी है तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है और फिर वो जहाँ टाट का पर्दा देखता है उखाड़ना शुरू कर देता है।"

सआदत हसन मंटो

चोर

यह एक क़र्ज़़दार शराबी व्यक्ति की कहानी है। वह शराब के नशे में होता है, जब उसे अपने क़र्ज़़ और उनके वसूलने वालों का ख़याल आता है। वह सोचता है कि उसे अगर कहीं से पैसे मिल जाएँ तो वह अपना क़र्ज़़ उतार दे। हालाँकि किसी ज़माने में वह उच्च श्रेणी का तकनीशियन था और अब वह क़र्ज़़दार था। जब क़र्ज़़ उतारने की उसे कोई सूरत नज़र नहीं आई तो उसने चोरी करने की सोची। चोरी के इरादे से वह दो घरों में गया भी, मगर वहाँ भी उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह चाहकर भी चोरी नहीं कर सका। फिर एक दिन उसे एक व्यक्ति पचास हज़ार रूपये दे गया। उन रूपयों से जब उसने अपने एक क़र्ज़दार को कुछ रूपये देने चाहे तो तकिये के नीचे से रूपयों का लिफ़ाफ़ा ग़ायब था।

सआदत हसन मंटो

मिस टीन वाला

यह एक मनोवैज्ञानिक मरीज़़ के मानसिक उलझाव और परेशानियों पर आधारित कहानी है। ज़ैदी साहब एक शिक्षित व्यक्ति हैं और बंबई में रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वह एक बिल्ले की अपने घर में आमद-ओ-रफ़्त से परेशान हैं। वह बिल्ला इतना ढीट है कि डराने, धमकाने या फिर मारने के बाद भी टस से मस नहीं होता। खाने के बाद भी वह उसी तरह अकड़ के साथ ज़ैदी साहब को घूरता हुआ घर से बाहर चला जाता है। उसके इस रवय्ये से ज़ैदी साहब इतने परेशान होते हैं कि वह दोस्त लेखक से मिलने चले आते हैं। वह अपने दोस्त की अपनी स्थिति और उस बिल्ले की हठधर्मी की पूरी दास्तान सुनाते हैं तो फिर लेखक के याद दिलाने पर उन्हें याद आता है कि बचपन में स्कूल के बाहर मिस टीन वाला आया करता था, जो मि. ज़ैदी पर आशिक़ था। वह भी उस बिल्ले की ही तरह ठीट, अकड़ वाला और हर मार-पीट से बे-असर रहा करता था।

सआदत हसन मंटो

रहमत-ए-खु़दा-वंदी के फूल

यह एक ऐसे शराबी शख़्स की कहानी है जो जितना बड़ा शराबी है, उतना ही बड़ा कंजूस है। वह दोस्तों के साथ शराब पीने से बचता है, क्योंकि इससे उसे ज़्यादा रूपये ख़र्च करने पड़ते हैं। लेकिन वह घर में भी नहीं पी सकता, क्योंकि इससे पत्नी के नाराज़़ हो जाने का डर रहता है। इस मुश्किल का हल वह कुछ इस तरह निकालता है कि पेट के दर्द का बहाना कर के दवाई की बोतल में शराब ले आता है और बीवी से हर पंद्रह मिनट के बाद एक ख़ुराक देने के लिए कहता है। इससे उसकी यह मुश्किल तो हल हो जाती है। मगर एक दूसरी मुश्किल उस वक़्त पैदा होती है जब एक रोज़ उसकी पत्नी पेट के दर्द के कारण उसी बोतल से तीन पैग पी लेती है।

सआदत हसन मंटो

रक़स-ए-शरर

क़ुर्रतुलऐन हैदर

मिसेस डिकोस्टा

यह एक ईसाई औरत की कहानी है, जिसे अपनी पड़ोसन के गर्भ में बहुत ज़्यादा दिलचस्पी है। गर्भवती पड़ोसन के दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन बच्चा है कि पैदा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मिसेज़ डिकोस्टा हर रोज़़ उससे बच्चे की पैदाइश के बारे में पूछती है। साथ ही उसे मोहल्ले भर की ख़बरें भी बताती जाती है। उन दिनों देश में शराब-बंदी क़ानून की माँग बढ़ती जा रही थी, जिसके कारण मिसेज़ डिकोस्टा बहुत परेशान थी। फिर भी वह अपनी गर्भवती पड़ोसन का बहुत ख़याल करती है। एक दिन उसने पड़ोसन को घर बुलाया और उसका पेट देखकर बताया कि बच्चा कितने दिनों में और क्या (लड़का या लड़की) पैदा होगा।

सआदत हसन मंटो

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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