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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

सुबह पर नज़्में

सुब्ह का वक़्त अपनी

शफ़्फ़ाक़ियत, ताज़गी, ख़ुश-गवार फ़ज़ा, परिंदों की चहचहाहट और कई वजहों से सब को पसंद होता है अपनी इन सिफ़ात के हवाले से इस का इस्तिक़बाल शायरी में हुआ है। इस के अलावा सुब्ह की आमद कई अलामती जहतें भी रखती है एक सतह पर ये सियाह रात के ख़िलाफ़ जंग के बाद की सुब्ह है और एक नई जद्द-ओ-जहद के आग़ाज़ का इब्तिदाइया भी। हमारे इस इन्तिख़ाब में आप सुब्ह को और कई रंगों में देखेंगे।

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