जिस्म दाग़ा जा सकता है मगर रूह नहीं दाग़ी जा सकती।
वेश्या अपनी तारीक तिजारत के बावजूद रौशन रूह की मालिक हो सकती है।
जिस्मानी हिसिय्यात से मुताल्लिक़ चीज़ें ज़्यादा देरपा नहीं होतीं मगर जिन चीज़ों का ताल्लुक़ रूह से होता है, देर तक क़ायम रहती हैं।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
जिस्म दाग़ा जा सकता है मगर रूह नहीं दाग़ी जा सकती।
वेश्या अपनी तारीक तिजारत के बावजूद रौशन रूह की मालिक हो सकती है।
जिस्मानी हिसिय्यात से मुताल्लिक़ चीज़ें ज़्यादा देरपा नहीं होतीं मगर जिन चीज़ों का ताल्लुक़ रूह से होता है, देर तक क़ायम रहती हैं।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets