रुख़्सार पर ग़ज़लें
शायरी में महबूब के जिस्मानी
आज़ा के बयान वाला हिस्सा बहुत दिल-चस्प और रूमान-पर्वर है। यहाँ आप महबूब के रुख़्सार का बयान पढ़ कर ख़ुद अपने बदन में एक झुरझुरी सी महसूस करने लगेंगे। हम यहाँ नई पुरानी शायरी से रुख़्सार को मौज़ू बनाने वाले कुछ अच्छे शेरों का इन्तिख़ाब आप के लिए पेश कर रहे हैं।