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परवाना पर ग़ज़लें

परवाना उर्दू शायरी का

वह इस्तिआरा है जिसने इश्क़ करने वालों के जांनिसारी के जज़्बे को अमर कर दिया। एक पतंग जो रोशनी पर दीवानों की तरह कुर्बान होता है, कैसे उर्दू शायरों के दर्मियान इस क़दर हर-दिल-अज़ीज़ है, इस राज़ से पर्दा उठाने के लिए परवाना शायरी का यह इंतिख़ाब शायद काफ़ी हो। आइये एक निगाह डालते चलेः

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