Be-gharaz Mohsin
मेले की नुमाइश के दौरान जब रेवती का बेटा सागर में गिर गया तो तख़्त सिंह ने ही दौड़कर उसे निकाला था। फिर बिना परिचय के ही वहाँ से चला गया। बेटा जवान हुआ तो उसने तख़्त सिंह का गाँव ख़रीद लिया। पूरा गाँव उसके सामने झुका। लेकिन तख़्त सिंह ने झुकने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसने तख़्त सिंह पर हर तरह के ज़ुल्म ढ़ाए, मगर तख़्त सिंह ने कभी अपने उस एहसान का ज़िक्र नहीं किया।