मेहमान पर ग़ज़लें
मेहमान के हवाले से हिन्दुस्तानी
तहज़ीबी रिवायात में बहुत ख़ुश-गवार तसव्वुरात पाए जाते हैं। मेहमान का आना घर में बरकत का और ख़ुशहाली का शगुन समझा जाता है। ये शायरी मेहमान की इस जहत के साथ और बहुत सी जहतों को मौज़ू बनाती है। मेहमान के क़याम की आरिज़ी नौइयत को भी शाइरों ने बहुत मुख़्तलिफ़ ढंग से बरता है। आप हमारे इस इंतिख़ाब में देखेंगे कि मेहमान का लफ़्ज़ किस तरह ज़िंदगी की कसीर सूरतों के लिए एक बड़े इस्तिआरे की शक्ल में धुल गया है।