दीवाना शायर
यह अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में हुए हत्याकांड पर आधारित कहानी है। उस हत्याकांड के बाद शहर में बहुत कुछ बदला था। उससे कई इंक़लाबी लोग पैदा हुए थे और बहुतों ने बदले के लिए अपनी जानें क़ुर्बान की थीं। उन्हीं लोगों में एक इंक़लाबी शायर भी हुआ था, जिसकी शायरी दिल चीर देने वाली थी। एक रोज़ शाम को लेखक को वह दीवाना शायर बाग़ के एक कुएँ के पास मिला था, जहाँ उसने उससे अपने इंक़लाबी हो जाने की दास्तान बयान की थी।