आँखें
अतृप्त भावनाओं की कहानी है। आँखों की रोशनी से वंचित हनीफ़ा को वह अस्पताल में देखता है तो उसकी पुरकशिश आँखों पर फ़िदा हो जाता है। हनीफ़ा के रवय्ये से महसूस होता है कि यह अस्पताल उसके लिए बिल्कुल नई जगह है, इसलिए वह उसकी मदद के लिए आगे आता है। उसकी पुरकशिश आँखों की गहराई में डूबे रहने के लिए झूट बोल कर कि उसका घर भी हनीफ़ा के घर के रास्ते में है, वह उसके साथ घर तक जाता है। मंज़िल पर पहुंचने के बाद जब वह तांगे से उतरने के लिए बदरू का सहारा लेती है तब पता चलता है कि यह आँख की रौशनी से वंचित है और फिर...
सआदत हसन मंटो
अंधी मोहब्बत
किसी दुर्घटना में अंधी हुई एक लड़की की कहानी है। जो डॉक्टर उसका इलाज कर रहा है, लड़की को उस डाक्टर से मोहब्बत हो जाती है। उन दोनों की शादी भी हो जाती है। लड़की के आँखों के ऑपरेशान के बाद जब वह अपने शौहर को देखती है तो उसे देखकर वह इतनी हैरान होती है कि वह दिल ही दिल में दुआ करती है कि काश, उसकी आँखें ठीक नहीं हुई होतीं। लड़की की यह हालत देखकर उसका डाक्टर शौहर उसे अपने अस्सिटेंट के हवाले कर के उसकी ज़िंदगी से चला जाता है।
हिजाब इम्तियाज़ अली
गूँगी मुहब्बत
एक गूंगी लड़की की गूंगी मोहब्बत की कहानी। ज्योति आर्ट की शौक़ीन इंदिरा की ख़ादिमा है। एक आर्ट की नुमाइश के दौरान इंदिरा की मुलाकात मोहन से होती है और वह दोनों शादी कर लेते हैं। एक रोज़ जब इंदिरा को पता चलता है कि उसकी ख़ादिमा ज्योति भी मोहन से मोहब्बत करती है तो वह उसे छोड़कर चली जाती है।
मिर्ज़ा अदीब
मुरासिला
इस कहानी में एक परम्परावादी घराने की परम्पराओं, आचार-व्यवहार और रहन सहन में होने वाली तब्दीलियों का ज़िक्र है। कहानी के मुख्य पात्र के घर से उस घराने के गहरे मरासिम हुआ करते थे लेकिन वक़्त और मसरुफ़ियत की धूल उस ताल्लुक़ पर जम गई। एक लम्बे समय के बाद जब प्रथम वाचक उस घर में किसी काम से जाता है तो उनकी जीवन शैली में होने वाली तब्दीलियों पर हैरान होता है।