गर्मी पर नज़्में
दोपहर, ज़िन्दगी के कठिन
लम्हों और उन से जुड़ी परेशानियों का अलामत होने के साथ कई दूसरे इशारों के तौर पर भी प्रचालित है। सूरज का सर के बिलकुल ऊपर होना शायरों ने अलग-अलग ढंग से पेश किया है। दोपहर शायरी ज़िन्दगी की धूप-छाँव से उपजी वह शायरी है जो हर लम्हा सच की आँच को सहने और वक़्त से आँखें मिला कर जीने का हौसला देती है। आइये एक नज़र धूप शायरी भीः