भूकंप पर नज़्में
ज़लज़ला एक क़ुदरती आफ़त
है जिससे बाज़-औक़ात बड़ी बड़ी इन्सानी तबाहिया हो जाती हैं और इन्सान की अपनी सी सारी तैयारियाँ यूँ ही धरी रह जाती हैं। हमारे मुन्तख़ब-कर्दा ये शेर क़ुदरत के मुक़ाबले में इन्सानी कमज़ोरी और बेबसी को भी वाज़ेह करते हैं और साथ ही इस बेबसी से फूटने वाले इन्सानी एहतिजाज और ग़ुस्से को भी।