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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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दकनी ग़ज़ल पर ग़ज़लें

नैन तेरे शिकार करते हैं

नवाब निज़ामुद्दौला बहादुर

मिरे मन मने आज ऊ ध्यान है

मोहम्मद अमीन आयागी

मस्ती सूँ चंचल सेज में जब मस्त उठे हैं

कमाल खान रुस्तमी बेजापुरी

न कर किस पर ज़बरदस्ती न किस का दिल दुखाना है

अब्दुल क़ादिर क़ादिर बीजापुरी

प्यारी यूँ अथा मन में परत प्यारी न करना था

सय्यद मीराँ जी ख़ुदा वन्दे ख़ुदा नुमा

सच्चे दुनियाँ का काम ना लेना

सय्यद मोहम्मद सादिक़ फ़िराक़ी

हुआ मुझ से जुदा दिल ऊस पे क्या गुज़री ख़ुदा जाने

शाह ज़ियाउद्दीन अल-हुसैनी प्रवाना बुरहानपुरी

ज़ात रब की जिस्म-ओ-जिस्मानी नही

सय्यद शाह नूरुल्लाह नूर कडप्वी

आईना सा हूँ सर सें क़दम तक तमाम चश्म

शाह ज़ियाउद्दीन अल-हुसैनी प्रवाना बुरहानपुरी

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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