सूरत शायरी पर ग़ज़लें
शायरों ने महबूब के चेहरे
और उन की सूरत की मुबालिग़ा आमेज़ तारीफ़ें की हैं और इस बाब में अपनी तख़्लीक़ी क़ुव्वत का नए नए तरीक़ों से इज़हार किया है। महबूब के चेहरे की ख़ूबसूरती का ये बयानिया हम सब के काम का है। चेहरे को बुनियाद बना कर और भी कई तरह के मौज़ूआत और मज़ामीन पैदा किए गए है।