aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
“मरा नहीं... देखो अभी जान बाक़ी है।” “रहने दो यार... मैं थक गया हूँ।”
“कौन हो तुम?” “तुम कौन हो?” “हरहर महादेव... हरहर महादेव?” “हरहर महादेव?” “सुबूत क्या है?” “सुबूत... मेरा नाम धर्मचंद है?” “ये कोई सुबूत नहीं?” “चार वेदों से कोई भी बात मुझ से पूछ लो।” “हम वेदों को नहीं जानते... सुबूत दो।” “क्या?” “पाएजामा
लबलबी दबी... पिस्तौल से झुँझला कर गोली बाहर निकली। खिड़की में से बाहर झांकने वाला आदमी उसी जगह दोहरा होगया। लबलबी थोड़ी देर के बाद फिर दबी... दूसरी गोली भनभनाती हुई बाहर निकली। सड़क पर माशकी की मशक फटी। औंधे मुँह गिरा और उसका लहू मशक के पानी
“मैंने उसकी शहरग पर छुरी रखी। हौले हौले फेरी और उस को हलाल कर दिया। “ये तुम ने क्या किया?” “क्यूँ?” “उसको हलाल क्यूँ किया?” “मज़ा आता है इस तरह।” “मज़ा आता है के बच्चे, तुझे झटका करना चाहिए था... इस तरह।” और हलाल करने वाले की गर्दन
चलती गाड़ी रोक ली गई। जो दूसरे मज़हब के थे उनको निकाल निकाल कर तलवारों और गोलियों से हलाक कर दिया गया। इससे फ़ारिग़ हो कर गाड़ी के बाक़ी मुसाफ़िरों की हलवे, दूध और फलों से तवाज़ो की गई। गाड़ी चलने से पहले तवाज़ो करने वालों के मुंतज़िम ने मुसाफ़िरों को
गाड़ी रुकी हुई थी। तीन बंदूक़्ची एक डिब्बे के पास आए। खिड़कियों में से अंदर झांक कर उन्हों ने मुसाफ़िरों से पूछा, “क्यूँ जनाब कोई मुर्ग़ा है।” एक मुसाफ़िर कुछ कहते कहते रुक गया। बाक़ियों ने जवाब दिया, “जी नहीं।” थोड़ी देर के बाद चार नेज़ा बर्दार
दस राउंड चलाने और तीन आदमियों को ज़ख़्मी करने के बाद पठान भी आख़िर सुर्ख़-रु हो ही गया। एक अफ़रा तफ़री मची थी। लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे। छीना झपटी हो रही थी। मार धाड़ भी जारी थी। पठान अपनी बंदूक़ लिए घुसा और तक़रीबन एक घंटा कुश्ती लड़ने के बाद
“मेरी आँखों के सामने मेरी जवान बेटी को न मारो।” “चलो इसी की मान लो… कपड़े उतार कर हाँक दो एक तरफ़।”
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books