बारिश पर दोहे
बारिश का लुत्फ़ या तो
आप भीग कर लेते होंगे या बालकनी में बैठ कर गिरती हुई बूँदों और चमकदार आसमान को देखकर, लेकिन क्या आपने ऐसी शायरी पढ़ी है जो सिर्फ बरसात ही नहीं बल्कि बे-मौसम भी बरसात का मज़ा देती हो? यहाँ हम आप के लिए ऐसी ही शायरी पेश कर रहे हैं जो बरसात के ख़ूबसूरत मौसम को मौज़ू बनाती है। इस बरसाती मौसम में अगर आप ये शायरी पढ़ेंगे तो शायद कुछ ऐसा हो, जो यादगार हो जाएगी।
आसमान पर छा गई घटा घोर-घनगोर
जाएँ तो जाएँ कहाँ वीराने में शोर