छब्बीस जनवरी
हर साल जगमगाती है छब्बीस जनवरी
हर सम्त मुस्कुराती है छब्बीस जनवरी
सब के दिलों को भाती है छब्बीस जनवरी
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी
हैं बाम-ओ-दर पे आज तिरंगे लगे हुए
फूलों से चार सम्त हैं रस्ते सजे हुए
हर सू इमारतों पे हैं दीपक जले हुए
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी
आईन अपना आज के दिन ही शुरूअ' हुआ
जनता को वोट देने का हक़ आज ही मिला
जम्हूरियत के नाम का डंका ही बज गया
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी
फ़ौजी क़तार बाँध के आते हैं राह में
सामान-ए-जंग साथ ही लाते हैं राह में
कर्तब बहादुरी के दिखाते हैं राह में
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी
दिल्ली में सारे हिन्द से आती हैं झांकियाँ
मंज़र रियासतों के दिखाती हैं झांकियाँ
आपस में इत्तिहाद बढ़ाती हैं झांकियाँ
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी
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