जवाहर लाल नेहरू
नेहरू तुझ पर नाज़ करेगा सदियों हिन्दोस्तान
शायद पैदा हो न सकेगा फिर ऐसा इंसान
मिला है तेरे रूप में हम को एक बड़ा वरदान
भाई-चारा मेल-मोहब्बत है तेरी पहचान
इसी लिए तो करती है दुनिया तेरा सम्मान
ऐश-ओ-इशरत की दुनिया को तू ने यकसर छोड़ा
जंग-ए-आज़ादी में तूफ़ानों का मुँह भी मोड़ा
अज़्म-ओ-हिम्मत से दुश्मन की तलवारों को तोड़ा
भाई-चारा मेल-मोहब्बत है तेरी पहचान
इसी लिए तो करती है दुनिया तेरा सम्मान
जादू सा कर देती थीं दिल पर तेरी तक़रीरें
फ़िक्र-ओ-अमल की दावत देती हैं तेरी तहरीरें
सजी हुई हैं गोशा-ए-दिल में तेरी ही तस्वीरें
भाई-चारा मेल-मोहब्बत है तेरी पहचान
इसी लिए तो करती है दुनिया तेरा सम्मान
देस में आज़ादी का परचम जब तू ने लहराया
सूखे खेतों को कितनी तदबीरों से लहकाया
कितनी मेहनत और लगन से गुलशन को महकाया
भाई-चारा मेल-मोहब्बत है तेरी पहचान
इसी लिए तो करती है दुनिया तेरा सम्मान
बच्चा बच्चा भारत का तेरे ही गुन गाता है
गुलशन के फूलों में तेरी ही ख़ुशबू पाता है
तेरी ही राहों पर चलना हर दिल को भाता है
भाई-चारा मेल-मोहब्बत है तेरी पहचान
इसी लिए तो करती है दुनिया तेरा सम्मान
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