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पर्दे में इस बदन के छुपें राज़ किस तरह

अमजद इस्लाम अमजद

पर्दे में इस बदन के छुपें राज़ किस तरह

अमजद इस्लाम अमजद

MORE BYअमजद इस्लाम अमजद

    पर्दे में इस बदन के छुपें राज़ किस तरह

    ख़ुशबू होगी फूल की ग़म्माज़ किस तरह

    तर्ज़-ए-कलाम उन का हुआ तर्ज़-ए-ख़ास-ओ-आम

    बदलेंगे अब वो बात का अंदाज़ किस तरह

    बदला जो उस की आँख का अंदाज़ तो खुला

    करते हैं रंग फूल से पर्वाज़ किस तरह

    आँखों में कैसे तन गई दीवार-ए-बे-हिसी

    सीनों में घुट के रह गई आवाज़ किस तरह

    वो हक़-परस्त कैसे हुए मस्लहत-परस्त

    नग़्मों से बे-लिबास हुए साज़ किस तरह

    आँखों में मोम डाल के बैठेंगे कब तलक

    आईनों से छुपाएँगे ये राज़ किस तरह

    उस की नज़र में अक्स-ए-तअल्लुक़ कहीं नहीं

    'अमजद' हदीस-ए-शौक़ हो आग़ाज़ किस तरह

    स्रोत :
    • पुस्तक : Fishaar (पृष्ठ 354)
    • रचनाकार : Amjad Islam Amjad
    • प्रकाशन : Jahangir Book Depot (2010)
    • संस्करण : 2010
    • पुस्तक : Fishaar (पृष्ठ 54)
    • रचनाकार : Amjad Islam Amjad
    • प्रकाशन : Jahangir Book Depot (2010)
    • संस्करण : 2010

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