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मोहब्बत में कोई सदमा उठाना चाहिए था

बुशरा एजाज़

मोहब्बत में कोई सदमा उठाना चाहिए था

बुशरा एजाज़

MORE BYबुशरा एजाज़

    मोहब्बत में कोई सदमा उठाना चाहिए था

    भुलाया था जिसे वो याद आना चाहिए था

    गिरी थीं घर की दीवारें तो सेहन-ए-दिल में हम को

    घरौंदे का कोई नक़्शा बनाना चाहिए था

    उठाना चाहिए थी राख शहर-ए-आरज़ू की

    फिर इस के बाद इक तूफ़ान उठाना चाहिए था

    कोई तो बात करना चाहिए थी ख़ुद से आख़िर

    कहीं तो मुझ को भी ये दिल लगाना चाहिए था

    कभी तो एहतिमाम-ए-आरज़ू भी था ज़रूरी

    कोई तो ज़ीस्त करने का बहाना चाहिए था

    मिरी अपनी और उस की आरज़ू में फ़र्क़ ये था

    मुझे बस वो उसे सारा ज़माना चाहिए था

    RECITATIONS

    अज़रा नक़वी

    अज़रा नक़वी,

    अज़रा नक़वी

    محبت میں کوئی صدمہ اٹھانا چاہئے تھا अज़रा नक़वी

    स्रोत :
    • पुस्तक : Beesveen Sadi Ki Behtareen Ishqiya Ghazlen (पृष्ठ 61)

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